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लेखनी प्रतियोगिता -24-Jan-2022

छोटे थे तब से लेकर, बड़े होने तक ये जिंदगी इम्तेहान लेती है,                                         
स्कूल की परीक्षा से लेकर, मोहब्बत की परीक्षा देने तक, ये हमेशा रात को जगवाती है,
चांद तक पहोचने के सपने से लेकर,चांद को पाने तक ये मोहब्बत कहलाती है,
छोटे हो या बड़े,ये मोहब्बत सबको अपने वश में कर लेती है।

अगर भूलना भी  चाहू में तुझे, फिर भी नही भुला सकती में तुझे,
जब भी आंखे बंध करती हूं , हर बार सामने खड़ा पाती हूँ में तुझे,
वैसे तो रंगीन हु में बहोत, पर तु उस सफेद शर्ट में ही पसंद है मुझे,
पहली बार उसमे ही देखा था मैंने तुझे, इसलिए आज भी उसमे ही अच्छा लगता है तु मुझे।

डोरेमोन और भीम जैसे, हम दोनो ही एक दूसरे से बहोत अलग है,
दूर होते हुए भी, एक दूसरे के बहोत नज़दीक है,
करियर के पीछे पागल, अभी हम एक दूसरे से बात भी नहीं करते हैं,
पर उस एक दिन की मुलाकात के लिए, हम ये विरह भी हँसते-हँसते सह रहे हैं।

करिश्मा खारवा


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9 Comments

Sudhanshu pabdey

25-Jan-2022 12:25 PM

Very nice 👌

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Shrishti pandey

25-Jan-2022 08:34 AM

Nice

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Punam verma

25-Jan-2022 12:18 AM

Very nice

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